51 Shaktipeeth : जाने 51 शक्तिपीठ और उनके अद्भुत शक्तिशाली रक्षक भैरव को !

By | November 21, 2023
Shaktipeeth

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सनातन धर्म और पौराणिक कथाओं में अलग अलग मान्यताओं के अनुसार शक्तिपीठों की संख्या भी अलग है। देवी भागवत पुराण में शक्तिपीठों की संख्या 108 बताई गयी हैं, कालिका पुराण में 26 शक्तिपीठ बताये गए है। इसी तरह दुर्गा सप्तशी में 52 और तंत्रचूड़ामणि में भी 52 शक्तिपीठों का ही वर्णन है। लेकिन साधारण जन मानस में 51 शक्तिपीठ (Shaktipeeths )होने की ज्यादा मान्यता है।

51 शक्तिपीठ माँ सती के अंगो के पिंड हैं। संसार में जिस जगह भी माँ सती के जलते हुए अंग गिरे वही उस स्थान पर पिंड बन गए उसके बाद ऋषियों ने कुछ समय के लिए असुरों से इसकी रक्षा की। कुछ समय बाद भगवान शिव ने सभी पिंडो की रक्षा के लिए अपने भैरव स्थापित किये और शक्तिपीठो की रक्षा का दायित्व उस स्थान के भैरव को दिया।

Table of Contents

Shaktipeeths and Belongings Bhairav : शक्तिपीठ और उनके भैरव

1. हिंगलाज (Hinglaaj Shaktipeeth)

पाकिस्तान के कराची से लगभग 125 Km की दुरी पर बलूचिस्तान प्रांत में हिंगलाज माता का मंदिर स्थित है। हिंगलाज माता को कुछ लोग हिंगुला नाम से भी जानते है। यहाँ पर देवी सती का ब्रह्मरंध्र (सिर) गिरा था।

भैरव : यहाँ के रक्षक भैरव का नाम भीमलोचन हैं

शक्ति : कोट्टरी

2. शर्कररे (Shivaharkaray Shaktipeeth)

यह शक्तिपीठ मंदिर पाकिस्तान के सुक्कर स्टेशन के पास स्थित है। पौराणिक कथा के अनुसार यहाँ पर देवी सती की आँख गिरी थी। इसके भारत के हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में भी नैनादेवी को शक्तिपीठ माना जाता है।

भैरव : क्रोधीश

शक्ति : महिष मर्दनी

3. सुगंध (Sugandh Shaktipeeth)

यह शक्तिपीठ बांग्लादेश के शिकारपुर में बरिसल से लगभग 20 km की दुरी पर सोंध नदी के किनारे स्थित है। यहाँ पर देवी सती की नासिका गिरी थी।

भैरव : त्रयंबक

शक्ति : सुनंदा

4. अमरनाथ (Amarnath Shaktipeeth)

अमरनाथ के निकट पहलगाम में देवी सती का कंठ यानी गला गिरा था।

भैरव : त्रिसंध्येश्वर

शक्ति : महामाया

5. ज्वालामुखी (Jwalamukhi Shaktipeeth)

इस स्थान पर देवी सती की जिव्हा (जीभ) गिरी थी। यह स्थान हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में है। इस मंदिर को ज्वाला देवी मंदिर कहते है।

भैरव : उन्मत्त भैरव

शक्ति : सिधिदा (अंबिका)

6. देवी तालाब (Devi Talab Shaktipeeth)

देवी तालाब जालंधर के निकट है। इस स्थान पर देवी सती का बाया वक्ष गिरा था।

भैरव : भीषण

शक्ति : त्रिपुरमालिनी

7. वैद्यनाथ- जयदुर्गा (Jaidurga Shaktipeeth)

वैद्यनाथ धाम में ही देवी सती का हृदय गिरा था।

भैरव : वैद्यनाथ

शक्ति : जय दुर्गा

NOTE : कुछ धार्मिक और पौराणिक मतों के अनुसार अम्बाजी में देवी सती हृदय गिरा था। भैरव : बटुक भैरव, शक्ति : अम्बाजी

8. नेपाल- गुह्येश्वरी शक्तिपीठ (Guwheshwar Shaktipeeth)

नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर के पास गुह्येश्वरी शक्तिपीठ हैं। इस स्थान पर देवी सती के घुटने गिरे थे।

भैरव : कपाली

शक्ति : महाशिरा (महामाया)

9. तिब्बत – मानस शक्तिपीठ (Manas Shaktipeeth)

तिब्बत में कैलाश मानसरोवर के मानसा के पास एक शिला पर देवी सती का दाहिना हाथ गिरा था।

भैरव : कपाली

शक्ति : दाक्षायणी

10. विरजाक्षेत्रा, उत्कलउत्कल शक्तिपीठ (Utkalutkal Shaktipeeth)

उड़ीसा राज्य के विराज में उत्कल में देवी सती की नाभि गिरी थी।

भैरव : जगन्नाथ पुरुषोत्तम

शक्ति : विमला

11. नेपाल – गंडकी शक्तिपीठ (Gandki Shaktipeeth)

पौराणिक कथाओ के अनुसार नेपाल में गण्डकी नदी के उद्गम पर के पास स्थित है गण्डकी शक्तिपीठ, जहां सती के दक्षिणगण्ड (कपोल, कनपटी या मस्तक) गिरा था। यहां शक्ति `गण्डकी´ तथा भैरव `चक्रपाणि´ हैं।

भैरव : चक्रपाणि

शक्ति : गण्डकी

12. बहुला- बहुला (चंडिका) (Bbahula Shaktipeeth)

भारत के पश्चिम बंगाल में स्थित कटवा जन्शन के पास केतुग्राम में है बहुला शक्तिपीठ। यहाँ पर देवी सती का बाय हाथ गिरा था।

भैरव : भीरुक

शक्ति : बहुला

13. उज्जयिनी शक्तिपीठ (Ujjaini Shkatipeeth)

उज्जैन शहर के पावन क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित है उज्जयिनी शक्तिपीठ। इस स्थान पर देवी सती का कुहनी (कलाई) गिरी थी।

भैरव : मांगल्य कपिलांबर

शक्ति : मंगल चण्डिका

14. त्रिपुरा – त्रिपुरा सुंदरी (Tripur Sundari Shaktipeeth)

त्रिपुरा राज्य के उदयपुर के पास राधाकिशोरपुर गांव के पास स्थित माताबाड़ी पर्वत पर देवी सती का दायां पैर गिरा था।

भैरव : त्रिपुरेश

शक्ति : त्रिपुरा सुंदरी

15. चट्टल – भवानी (बांग्लादेश) (Bhavani Shaktipeeth)

बांग्लादेश के सीताकुंड स्टेशन के पास चन्द्रनाथ पर्वत शिखर पर छत्राल (चट्टल) में दायी भुजा गिरी थी।

भैरव : चंद्रशेखर

शक्ति : भवानी

16. त्रिस्रोता- भ्रामरी (Bramari Shaktipeeth)

भारत के पश्चिम बंगाल के सालबाढ़ी ग्राम में स्‍थित त्रिस्रोत स्थान पर देवी सती का बायाँ पैर गिरा था।

भैरव : अम्बर या भैरेश्वर

शक्ति : कामाख्या

17. कामगिरी – कामाख्या (Kamakhya Shaktipeeth)

असम के गुवाहाटी में कामगिरी में नीलांचल पर्वत पर कामाख्या नाम के स्थान पर देवी सती की योनि का भाग गिरा था।

भैरव : उमानन्द

शक्ति : कामाख्या

18. प्रयाग – ललिता (Prayag Lalita Shaktipeeth)

प्रयागराज में संगम तट पर देवी सती के हाथ की उंगली गिरी थी।

भैरव : भव

शक्ति : ललिता

19. बांग्लादेश – जयंती (Jayanti Shaktipeeth)

बांग्लादेश के जयंतिया परगना के भोर भोग गांव के कालाजोर के खासी पर्वत शिखर पर जयंती नाम की जगह पर देवी सती की बायीं जंघा गिरी थी।

भैरव : क्रमदीश्वर

शक्ति :जयंती

20. युगाद्या- भूतधात्री (Bhootdhatri Shaktipeeth)

पश्चिम बंगाल में एक ज़िले वर्धमान के खीरग्राम में जुगाड्‍या (युगाद्या) नाम के स्थान पर देवी सती के दाएँ पैर का अँगूठा गिरा था।

भैरव : क्षीर खंडक

शक्ति : भूतधात्री

21. कालीपीठ – कालिका (Kaalipeeth Shaktipeeth)

कोलकाता के कालीघाट पर देवी सती के बाए पैर का अंगूठा गिरा था।

भैरव : नकुशील

शक्ति :कालिका

22. किरीट- विमला (भुवनेशी) (Vimla Bhuvneshi Shaktipeeth)

पश्चिम बंगाल के एक ज़िले मुर्शिदाबाद में स्थित लालबाग कोर्ट स्टेशन के एक ग्राम किरीटकोण में देवी सती का मुकुट गिरा था।

भैरव : संवर्त्त

शक्ति : विमला

23. वाराणसी- विशालाक्षी (Vishalakshi Shaktipeeth)

काशी के मणिकर्णिका घाट पर देवी सती के मणि जड़ित कुण्डल गिरे थे।

भैरव : काल भैरव

शक्ति : मणिकर्णी विशालाक्षी

24. कन्याश्रम- सर्वाणी (Sarvani Shaktipeeth)

तमिलनाडु के कन्याश्रम में देवी सती का प्रष्ट भाग गिरा था।

भैरव : निमिष

शक्ति : सर्वाणी

25. कुरुक्षेत्र- सावित्री (Savitri Shaktipeeth)

हरियाणा के कुरुक्षेत्र मेंदेवी सती की एड़ी (गुल्फ) गिरी थी।

भैरव : स्थाणु

शक्ति : सावित्री

26. मणिदेविक- गायत्री (Gayatri Shaktipeeth)

राजस्थान के पुष्कर के मणिबन्ध नाम के स्थान पर गायत्री पर्वत पर दो मणिबंध गिरे थे।

भैरव : सर्वानंद

शक्ति : गायत्री

27. श्रीशैल- महालक्ष्मी (Shri Shail Mahalakshmi Shaktipeeth)

बांग्लादेश के एक जिले सिलहट के जैनपुर गाँव के पास शैलनाम के स्थान पर देवी सती का गला (ग्रीवा) गिरा था।

भैरव : शम्बरानंद

शक्ति : महालक्ष्मी

28. कांची- देवगर्भा (Devgarbha Shaktipeeth)

पश्चिम बंगाल राज्य के बीरभूमी जिला के एक स्टेशन बोलारपुर के उत्तर – पूर्व में एक स्थान कोपई नदी तट पर कांची नामक स्थान परदेवी सती की अस्थि गिरी थी।

भैरव : रुरु

शक्ति : देवगर्भा

29. कालमाधव- देवी काली (Kaal madhav Devi kaali Shaktipeeth)

मध्यप्रदेश राज्य के नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक के कालमाधव स्थित शोन नदी तट के पास देवी सती का बायाँ नितंब गिरा था जहाँ एक गुफा है।

भैरव : असितांग

शक्ति : काली

30. शोणदेश – शोणाक्षी (नर्मदा) (Shonakshi Shaktipeeth)

मध्यप्रदेश राज्य के नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक के शोणदेश स्थान के पास देवी सती का बायाँ नितंब गिरा था जहाँ एक गुफा है।

भैरव : भद्रसेन

शक्ति : नर्मदा

31. रामगिरि- शिवानी (Ramgiri Shivani Shaktipeeth)

चित्रकूट के पास एक स्थान रामगिरि पर देवी सती का दायाँ वक्ष गिरा था।

भैरव : चंड

शक्ति : शिवानी

32. वृन्दावन – उमा (Vrindavan Uma Shaktipeeth)

ब्रजधाम वृंदावन के भूतेश्वर नामक स्थान पर देवी सती के गुच्छ और चूड़ामणि गिरे थे।

भैरव : भूतेश

शक्ति : उमा

33. शुचि- नारायणी (Narayani Shaktipeeth)

तमिलनाडु में शुचितीर्थम शिव मंदिर है,इसी जगह पर देवी सती के ऊपरी दंत (ऊर्ध्वदंत) गिरे थे।

भैरव : संहार

शक्ति : नारायणी

34. पंचसागर- वाराही (Varahi Shaktipeeth)

पंचसागर (अज्ञात स्थान) कहा जाता है की यह एक विलुप्त स्थान है जहाँ देवी सती माता के निचले दंत (अधोदंत) गिरे थे।

भैरव : महारुद्र

शक्ति : वराही

35. करतोयातट- अपर्णा (Aparna Shaktipeeth)

पडोसी देश बांग्लादेश के शेरपुर के पास भवानीपुर गाँव के पार करतोया तट नामक स्थान परदेवी सती की पायल (तल्प) गिरी थी।

भैरव : वामन

शक्ति :अपर्णा

36. श्री पर्वत- श्री सुंदरी (Shri Sundari Shaktipeeth)

कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र के पर्वत पर देवी सती के दाएं पैर की पायल गिरी थी। जहाँ एक दूसरी मान्यता अनुसार आंध्रप्रदेश के एक ज़िले कुर्नूल के श्रीशैलम स्थान पर पैर की एड़ी गिरी थी।

भैरव : सुंदरानंद

शक्ति : श्रीसुंदरी

37. विभाष- कपालिनी (Kapalini Shaktipeeth)

भारत के राज्य पश्चिम बंगाल के एक जिले पूर्वी मेदिनीपुर के पास ग्राम तामलुक स्थित विभाष स्थान पर देवी सती की बायीं एड़ी गिरी थी।

भैरव : शर्वानंद

शक्ति : कपालिनी

38. प्रभास- चंद्रभागा (Chandrabhaga Shaktipeeth)

देवी सती का उदर सोमनाथ मंदिर से कुछ दुरी पर स्थित वेरावल स्टेशन से भी लगभग 4 KM प्रभास क्षेत्र में गिरा था।

भैरव : वक्रतुंड

शक्ति : चंद्रभागा

39.भैरवपर्वत- अवंती (Avanti Shaktipeeth)

उज्जैन नगर में माँ शिप्रा तट के पास स्थित भैरव पर्वत परदेवी सती के ओष्ठ गिरे थे।

भैरव : लम्बकर्ण

शक्ति : अवंति

40.जनस्थान- भ्रामरी (Bhramri Shaktipeeth)

नासिक शहर में स्थित जीवन दायिनी गोदावरी नदी घाटी में एक स्थान जनस्थान पर देवी सती की ठोड़ी गिरी थी। इसकी शक्ति है भ्रामरी और भैरव है विकृताक्ष।

भैरव : विकृताक्ष

शक्ति : भ्रामरी

41. सर्वशैल स्थान (Sarvshail Shaktipeeth)

आंध्रप्रदेश राज्य के राजामुंद्री नाम के स्थान पर माँ गोदावरी के पावन तट पर स्थित महादेव के कोटिलिंगेश्वर मंदिर के पास सर्वशैल नाम के स्थान पर देवी के वाम गंड (गाल) गिरे थे।

भैरव : वत्सनाभम

शक्ति : रा‍किनी

42. गोदावरीतीर (Godavariteer Shaktipeeth)

आंध्रप्रदेश में ही राजामुंद्री में देवी सती के दक्षिण गंड गिरे थे।

भैरव : दंडपाणि

शक्ति : विश्वेश्वरी

43. रत्नावली- कुमारी (Kumari Shaktipeeth)

बंगाल के खानाकुल-कृष्णानगर मार्ग पर स्थित रत्नावली स्थित रत्नाकर नदी के तट पर देवी सती का दायाँ स्कंध गिरा था।

भैरव : शिव

शक्ति : कुमारी

44. मिथिला- उमा (महादेवी) (Mahadevi Shaktipeeth)

भारत और नेपाल के सीमा क्षेत्र में मिथिला जनकपुर के पास देवी सती का बायां स्कंध गिरा था।

भैरव : महोदर

शक्ति : महादेवी (उमा)

45. नलहाटी- कालिका तारापीठ (Tarapeeth Shaktipeeth)

पश्चिम बंगाल राज्य के वीरभूम जिले के नलहाटि स्टेशन के पास नलहाटी क्षेत्र में देवी सती के पैर की हड्डी गिरी थी।

भैरव : योगेश

शक्ति : कालिका देवी

46. कर्णाट- जयदुर्गा (Karnat jai Durga Shaktipeeth)

कर्नाटका राज्य के किसी अज्ञात स्थान पर देवी सती के दोनों काम गिरे थे। लेकिन समय के साथ यह स्थान अपने आध्यात्मिक पिंड के साथ विलुप्त हो गया।

भैरव : अभिरु

शक्ति : जय दुर्गा

47. वक्रेश्वर – महिषमर्दिनी (Mahishmardani Shaktipeeth)

भारत के राज्य पश्चिम बंगाल के एक जिले बीरभूम के एक स्टेशन दुबराजपुर से लगभग सात से आठ किमी दूर वक्रेश्वर में पापहर नदी के तट पर देवी सती का भ्रूमध्य (मन:) गिरा था।

भैरव : वक्रनाथ

शक्ति : महिषमर्दिनी

48. यशोर – यशोरेश्वरी (Yashoreshwari Shaktipeeth)

बांग्लादेश के एक खुलना नाम के जिला में स्थित ईश्वरीपुर के स्थान यशोर पर देवी सती के हाथ और पैर गिरे (पाणिपद्म) थे।

भैरव : चण्ड

शक्ति : यशोरेश्वरी

49. अट्टाहास – फुल्लरा (Fullara Shaktipeeth)

भारत के राज्य पश्चिम बंगाल के लाभपुर स्टेशन से लगभग दो से तीन किमी की दुरी अट्टहास नाम के स्थान पर देवी सती के ओष्ठ गिरे थे।

भैरव : विश्वेश

शक्ति : फुल्लरा

50. नंदीपूर – नंदिनी (Nanadini Shaktipeeth)

पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में ही सैंथिया नाम के रेलवे स्टेशन नंदीपुर स्थित चारदीवारी में एक बहुत पुराने और विशाल बरगद के वृक्ष के पास देवी सती का गले का हार गिरा था।

भैरव : नंदिकेश्वर

शक्ति : नंदिनी

51. लंका- इंद्राक्षी (Indrakshi Shaktipeeth)

भारत के दक्षिण स्थित देश श्रीलंका में त्रिंकोमाली नाम के स्थान पर देवी सती की पायल गिरी थी (त्रिंकोमाली में ही एक बहुत ही प्रसिद्ध त्रिकोणेश्वर मंदिर के निकट यह स्थान है संभवतः)।

भैरव : राक्षसेश्वर

शक्ति : इंद्राक्षी

52. विराट – अंबिका (Ambika Shaktipeeth)

विराट में ही अज्ञान स्थान पर देवी सती के पैर की अँगुली गिरी थी।

भैरव : अमृत

शक्ति : अंबिका

नोट : हमारे द्वारा दिए गए शक्तिपीठ की लिस्ट कई इंटरनेट सोर्सेज के माध्यम से लिए गए है। लेकिन इंटरनेट और अन्य कई ग्रंथो यह लिस्ट अलग भी हो सकती हैं। अगर इसमें आपको कोई गलती लगाती है तो कृपया आप हमें हमारे ऑफिसियल ईमेल पर जरूर बताये।

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