Mata Sita Aarti lyrics & Stuti in Hindi, English , Direct Download Mata Sita ki Aarti PDF माता सीता की आरती तथा स्तुति का पाठ आपका उद्धार कर देगी। आरती श्रीजनक-दुलारी की। सीताजी रघुबर-प्यारी की।।
वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की नवमी को सीता नवमी या कहे जानकी नवमी मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन पुष्य नक्षत्र में माता सीता का जन्म हुआ था। यही कारण है कि इस दिन भक्त माता सीता का पूजन पूरा विधि विधान से किया जाता हैं। माता सीता की जब पूजन किया जाता हैं तब माता सीता की स्तुति (Sita Stuti), आरती (Mata Sita Aarti) तथा सीता चालीसा का पाठ (Sita Chalisa) जरूर करना चाहिए।
सीता नवमी 2025 में 5 मई 2025 को मनायी जायगी इस दिन सभी भक्तजन माता सीता का पूजन पूरा विधि विधान से करें। माता सीता के आशीष से आपको अखंड सौभाग्य, सुख शांति प्रदान करती हैं। इसीलिए आज हम ले कर आये हैं सीता स्तुति तथा आरती।
Sita Stuti Lyrics in Hindi : तुलसीदास जी द्वारा रचित श्री जानकी स्तुति (Janiki Stuti)
भई प्रगट कुमारी भूमि-विदारी जनहितकारी भयहारी
अतुलित छबि भारी मुनि-मनहारी जनकदुलारी सुकुमारी
सुन्दर सिंहासन तेहिं पर आसन कोटि हुताशन द्युतिकारी
सिर छत्र बिराजै सखि संग भ्राजै निज-निज कारज करधारी
सुर सिद्ध सुजाना हनै निशाना चढ़े बिमाना समुदाई
बरषहिं बहुफूला मंगल मूला अनुकूला सिय गुन गाई
देखहिं सब ठाढ़े लोचन गाढ़ें सुख बाढ़े उर अधिकाई
अस्तुति मुनि करहीं आनन्द भरहीं पायन्ह परहीं हरषाई
ऋषि नारद आये नाम सुनाये सुनि सुख पाये नृप ज्ञानी
सीता अस नामा पूरन कामा सब सुखधामा गुन खानी
सिय सन मुनिराई विनय सुनाई सतय सुहाई मृदुबानी
लालनि तन लीजै चरित सुकीजै यह सुख दीजै नृपरानी
सुनि मुनिबर बानी सिय मुसकानी लीला ठानी सुखदाई
सोवत जनु जागीं रोवन लागीं नृप बड़भागी उर लाई
दम्पति अनुरागेउ प्रेम सुपागेउ यह सुख लायउं मनलाई
अस्तुति सिय केरी प्रेमलतेरी बरनि सुचेरी सिर नाई
दोहा (Sita Stuti Doha)
निज इच्छा मखभूमि ते प्रगट भईं सिय आय
चरित किये पावन परम बरधन मोद निकाय
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Mata Sita Aarti : सीता माता की आरती (Shri Sita Mata ki Aarti)
Mata Sita Aarti : सीता माता की आरती
आरती श्री जनक दुलारी की
सीता जी रघुवर प्यारी की
जगत जननी जग की विस्तारिणी
नित्य सत्य साकेत विहारिण
परम दयामयी दिनोधारिणी
सीता मैया भक्तन हितकारी की
आरती श्री जनक दुलारी की
सीता जी रघुवर प्यारी की
सती श्रोमणि पति हित कारिणी
पति सेवा वित्त वन वन चारिणी
पति हित पति वियोग स्वीकारिणी
त्याग धर्म मूर्ति धरी की
आरती श्री जनक दुलारी की
सीता जी रघुवर प्यारी की
विमल कीर्ति सब लोकन छाई
नाम लेत पवन मति आई
सुमीरात काटत कष्ट दुख दाई
शरणागत जन भय हरी की
आरती श्री जनक दुलारी की
सीता जी रघुवर प्यारी की
Mata Sita Aarti End
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Importance Of Mata Sita Aarti & Stuti : जाने माता सीता की आरती तथा स्तुति का महत्त्व
माता सीता की आरती व स्तुति का बहुत अधिक महत्त्व होता हैं। जनकनन्दिनी माता सीता मर्यादा, पत्नीव्रता धर्म की रक्षा के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन निवछावर कर दिया था इसीलिए जब हम माता जानकी की आरती व स्तुति की जाती हैं जब आपके जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं।
पारिवारिक समस्याएं दूर हो जाती हैं। जानकी माता की सेवा से पति पत्नी के बिच की समस्याएं भी दूर हो जाती हैं।
दोस्तों, इस उम्मीद है आपको इस आर्टिकल से माता सीता की आरती (Sita Aarti) & स्तुति पढ़ने के लाभ की जानकारी जरुर मिली होगी। हम भगवान से प्रार्थना करते हैं की आपके जीवन में कुबेर देवता कि कृपा बानी रहे और धन धन्य की कभी कमी ना हो।
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