Trivishtapeshwar Mahadev (7/84) : दोस्तों, आज हम आपको 84 महादेव सीरीज के सातवें महादेव श्री त्रिविष्टपेश्वर की कथा बताएँगे की कैसे इन भक्तो पर कृपा करने के की वजह से इस मंदिर की प्रसिद्धि बढ़ी और किस कारण इस मंदिर का नाम श्री त्रिविष्टपेश्वर महादेव पड़ा।
उज्जैन महाकाल वन की महिमा ही अपरम्पार हैं महाकाल वन में कई महादेव के शिवलिंग हैं। महाकाल की नगरी में 12 ज्योतिर्लिंग में से एक महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग हैं जिसकी महिमा ही अलग हैं जो व्यक्ति जिस भी मनोकामना से महाकाल के दर्शन करता हैं उसकी मनोकामना पूरी हो जाती हैं।
Ujjain 84 Mahadev : श्री त्रिविष्टपेश्वर महादेव
त्रिविष्टपेश्वरं देवि सप्तमं पर्वतात्मजे।
यस्य दर्शन मात्रेण लभ्यते तत्रिविष्टपम्।।
84 Mahadev Ujjain : उज्जैन के 84 महादेव लिस्ट
Ujjain 84 Mahadev : Trivishtapeshwar Mahadev Temple Kaha Hain / कहाँ है 84 महादेव का श्री त्रिविष्टपेश्वर महादेव मंदिर
महादेव का यह यह मंदिर उज्जैन के ओंकारेश्वर मंदिर के पीछे दाहिनी ओर एक छोटी सी गुफा में स्थित है।
Story of Shri Trivishtapeshwar Mahadev / श्री त्रिविष्टपेश्वर महादेव कथा
84 Mahadev Yatra में गिने जाने वाले एक महादेव हैं श्री त्रिविष्टपेश्वर महादेव(Trivishtapeshwar Mahadev Katha )। कथाओं के अनुसार इस महादेव के शिवलिंग की स्थापना स्वयं देवताओं द्वारा किया गया हैं। इनकी कथा कुछ इस प्रकार है कि एक बार देवऋषि नारद भ्रमण करते हुए इंद्र के दरबार में पहुंचे।
Srisailam Mallikarjuna Temple In Hindi 2024
इंद्र लोक में देवऋषि का आगमन होने पर इंद्र ने उनका उचित सम्मान किया और महाकाल वन का माहात्म्य पूछा – तो नारद मुनि ने बताया की महाकाल वन सभी तीर्थो के सामान ही पुण्यदायी है और यहाँ पर रहना कैलाश पर रहने के सामान है क्यों की यहाँ भगवान शिव अपने गणो सहित निवास करते है। इसीलिए उनके प्रतिरूप के कारण ही महाकाल वन में लगभग साठ हजार शिवलिंग गुप्त रूप से विराजमान है। इन लिंगो के शक्ति में सामंजस रखने के लिए ही इस वन में नौ करोड़ शक्ति का वास है।
History of Somnath Temple in Hindi 2024
देवराज इस समस्त संसार के लिए एक ही शक्ति स्वरूपा अपने रूप में स्थापित है किन्तु इस स्थान पर नौ करोड़ शक्ति का वास होना इस वन की महत्ता और आध्यात्म को दर्शाता है। इस वन का प्रत्येक शिवलिंग की भक्ति, शक्ति और मुक्ति प्रदान करने वाला है।
वन की महत्ता जानकर इंद्र सभी देवताओ सहित महाकाल वन पधारते है और इस वन को विष्णु और ब्रम्हलोक के सामान ही सुन्दर और आध्यात्मिक पाते है। चुकी सभी लिंगो के गुप्त होने के कारण उन्हें लिंगो के दर्शन नहीं होते जिससे देवता निराश होने लगते है तभी देवऋषि उन्हें अपने लिए एक शिवलिंग की स्थापना करने का विचार दिया, जिसे देवताओं ने सहर्ष स्वीकार कर लिया और वही पर एक शिवलिंग की स्थापना की जिसका नाम त्रिविष्टपेश्वर महादेव(Trivishtapeshwar Mahadev Ujjain) रखा गया। इस लिंग की स्थापना कर्कोटक से पूरब और महामाया से दक्षिण में हुआ है। देवताओं ने विधिवत पूजन कर पुण्यलाभ अर्जित किया।
Shri Trivishtapeshwar Mahadev Puja Mahtva / श्री त्रिविष्टपेश्वर महादेव की पूजा का महत्व
Ujjain 84 Mahadev मे से एक त्रिविष्टपेश्वर महादेव का मंदिर (Trivishtapeshwar Mahadev Mandir)उज्जैन के महाकाल मंदिर में विराजित श्री ओंकारेश्वर मंदिर के पीछे स्थित है। सालभर आने वाले श्रद्धालु यहाँ दर्शन करने आते है और अपनी इच्छापूर्ति की कामना करते है लेकिन कहा जाता है की जो मनुष्य यहाँ अष्टमी, चतुर्दशी तथा संक्रांति की तिथि के दिन पूजा – अर्चना करता है उसका विशेष फल उसे लोक परलोक में मिलता है।
Related Link
महादेव तो भोले भंडारी हैं उनकी पूजा के लिए केवल बेलपत्र ही काफी हैं वे एक लोटा जल से भी प्रसन्न हो जाते हैं। परन्तु जब विशेष पूजन व सामग्री से महादेव का पूजन किया जाता हैं तो उसका विशेष महत्त्व होता हैं।
Dharmkahani.com
दोस्तों हम 84 महादेव की सीरीज में आपके लिए हर दूसरे दिन उज्जैन में स्थित 84 Mahadev के मंदिर के बारे बताएँगे और सारे मंदिर की कथा और उन शिवलिंग की पूजा महत्व बताएँगे। कृपया आप ऐसे ही हमारे द्वारा दी गयी जानकारी को अपने दोस्तों और परिवार जानो पहुचाये।
अगर आपको कोई और जानकारी चाहिए तो आप हम कमेंट या contact पेज के जरिये संपर्क कर सकते है।
धन्यवाद
[…] 7 – श्री त्रिविष्टपेश्वर महादेव […]