Dattatreya Chalisa Lyrics, Download Dattatreya Chalisa PDF in Hindi Also Know दत्तात्रेय चालीसा पाठ का महत्त्व।
दत्त या कहे दत्तात्रेय भगवान के जन्म की कथा अध्भुत हैं। आपको भी जानना चाहिए दत्तात्रेय भगवान त्रिदेव का स्वरुप माने गए हैं यदि आप दत्तात्रेय भगवान कि पूजा, अर्चना या चालीसा का पाठ रोज करते हैं तो त्रिदेव का आशीष प्राप्त हो जाता हैं। भगवान दत्तात्रेय की आरती करना ना भूले कियुकी कभी भी भगवान की पूजन की जाती है तो आरती की वजह से ही संपूर्ण होती हैं।
दत्तात्रेय चालीसा (Dattatreya Chalisa) का पाठ करना मनुष्य का जीवन सभी संकटो से दूर चला जाता हैं जीवन की सभी समस्याएँ समाप्त हो जाती हैं। आयगे आज हम ले कर आये दत्तात्रेय चालीसा (Dattatreya Chalisa in Hindi)
(Dattatreya Chalisa Hindi Lyrics)
॥ श्री दत्तात्रेय चालीसा लिरिक्स ॥
दत्तगुरु के चरणों में, मेरा कोटि प्रणाम ।
रक्षा करो हे दत्त प्रभु, रख लो अपनी शरण ।।
रक्षा करो हे दत्त प्रभु, रख लो अपनी शरण ।।
जयति जयति दत्तात्रेय, स्वामी दिगम्बर जय ।
आदि ब्रह्मा, मध्यम विष्णु, देवा महेश्वर जय ।।
जयति जयति त्रिमूर्ति रूप, भव बाधा हरते जय ।
सहज प्राप्ति हर हर जय, शुभ फल सुख देते जय ।।
जयति जयति अनसूया नन्दन, परम गम्भीर प्रभु जय ।
हर कृपा कर सरसिज पद, भक्तों को सुख देते जय ।।
श्रीगणेश, श्रीशारदा, लक्ष्मी सहित शिव जय ।
सतगुरु चरन, कमल सेवा, भव निधि से त्राण कर जय ।।
सिर झुकाये, हाथ जोड़े, करें भक्ति प्राण जय ।
त्रिभुवन में, प्रकट प्रभु दत्त, ब्रह्मानन्द स्वरूप जय ।।
गुरु गम्भीर, कृपा सागर, कर जोड़ों चरणारविन्द ।
शरणागत, रक्षण कर्ता, रखों हमारी लाज प्रभु ।।
श्रीदत्तात्रेय प्रभु, कृपाकर, सदा सहाय रहो प्रभु ।
भक्तिवान, दुःख से त्राण, सदा सबन का करें कल्याण प्रभु ।।
कर भरोसा, मन में आस, स्वामी सुखदाता जय ।
मति हमारी शुद्ध कर प्रभु, दोष, दुष्कृत मिटा प्रभु ।
ध्यान लगायें, चित्त मनायें, श्रीदत्त कृपा से प्रभु ।
भक्त गण, करें सुमिरन, सदा सहाय हो प्रभु ।।
जयति जयति दत्तगुरु, ब्रह्मानन्द दाता जय ।
अघनाशक, त्रिविक्रम देव, ज्ञान भक्ति दो प्रभु ।
सुमिरन से भव-बन्धन, से सदा मुक्त रहें प्रभु ।
त्रिविध ताप, मिट जायें प्रभु, अन्त करण सुधीर हो प्रभु ।।
श्रीदत्त शरणं, मोक्ष सुलभ, भव सागर से त्राण हो ।
भव-भय हारक, सतगुरु, कष्ट निवारक हो प्रभु ।
शरणागत, मोक्ष प्रदायक, सुलभ सरल करते प्रभु ।
करुणामय, सन्तत हर्षायें, भव से मुक्ति हो प्रभु ।।
श्रीदत्तात्रेय शरणं, भव बाधा हरण प्रभु ।
श्रीदत्तात्रेय शरणं, पाप-ताप-त्रय हरण प्रभु ।
श्रीदत्तात्रेय शरणं, मन में आस लगायें प्रभु ।
भक्तजन, करें स्मरण, सदा सहाय हो प्रभु ।।
जयति जयति दत्तगुरु, सर्व रोग हरते प्रभु ।
जयति जयति दत्तगुरु, पाप-ताप निवारक प्रभु ।
जयति जयति दत्तगुरु, करुणा कृपा निधान प्रभु ।
जयति जयति दत्तगुरु, जगत तारन प्रभु ।।
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Dattatreya Chalisa Ke Laabh : दत्तात्रेय चालीसा पढ़ने के लाभ
दत्त भगवान त्रिदेव का अवतार हैं। दत्तात्रेय चालीसा (Dattatreya Chalisa) से बड़े-बड़े कार्य बन जाते हैं। पितृ दोष भी दूर हो जाते हैं आइये जानते और कोइन कौन से लाभ हैं।
Read Dattatreya Chalisa Benefits
- भगवान दत्तात्रेय के चालीसा का पाठ करने से कई लाभ होते हैं जिसमे से कुछ निचे दिए गए हैं।
- दत्तात्रेय चालीसा का पाठ करने से जीवन के सभी कष्ट संकट दूर हो जाते हैं।
- जो मनुष्य के जीवन में पितृदोष से परेशान हैं उनको पितृदोष से मुक्ति मिलती है.
विवाहिक जीवन में शांति भी दत्तात्रेय चालीसा का पाठ करने से मिलती हैं। - दत्तात्रेय चालीसा का पाठ करने से जीवन में सबकुछ अच्छा होने लगता है तरक्की मिलती हैं।
- मनुष्य की जॉब या कहे नौकरी में तरक्की ना मिल रही हो तो दत्तात्रेय चालीसा का पाठ करना चाहिए।
- भगवान दत्तात्रेय को भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु तथा भगवान महेश का अवतार माना जाता है इसीलिए जब दत्तात्रेय भगवान की पूजा अर्चना की जाती हैं तो त्रिदेव आशीष प्रदान करते हैं।
- भगवान दत्तात्रेय भक्त वत्सल हैं और भक्तों या कहे मनुष्यों के स्मरण करने से ही वह प्रसन्न हो जाते हैं।
- दत्तात्रेय उपनिषद के अनुसार, दत्त जयंती आती हैं उसके एक दिन पहले संध्या पर भगवान दत्ता के लिए व्रत और पूजा करने वाले भक्तों को विशेष आशीर्वाद व लाभ मिलते हैं।
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Dattatreya Chalisa FAQ : दत्तात्रेय चालीसा का पाठ कैसे करें?
आइये जानते हैं दत्तात्रेय चालीसा (Dattatreya Chalisa) से जुड़े सभी सवालो के जवाब।
कितने दिनों तक दत्तात्रेय चालीसा का पाठ नियमित करना चाहिए?
दत्तात्रेय चालीसा का पाठ नियमित रूप से 41 दिनों तक करना चाहिए। यदि दत्तात्रेय चालीसा का पाठ रोजाना करना शुभ माना जाता हैं परन्तु जब किसी मनोकामना के लिए दत्तात्रेय चालीसा का पाठ करते हैं तो हमें 41 दिनों तक निश्चित समय पर करना चाहिए।
दत्तात्रेय चालीसा का पाठ करने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
दत्तात्रेय चालीसा का पाठ करते समय कुछ मुख्य सावधानियां बरतनी चाहिए:
शारीरिक शुद्धता: स्नान, शुद्ध वस्त्र धारण करें और स्वच्छ स्थान पर ही बैठें।
एकाग्रता: मन को एकाग्र करके पाठ करना चाहिए।
विश्वास व भावना: पाठ करते समय भगवान दत्तात्रेय के प्रति सच्ची श्रद्धा, विश्वास और भक्ति भाव रखना चाहिए।
नियमिल : पाठ को नियमित रूप से करें। कोशिश करें समय भी निश्चित रखे।
दत्तात्रेय चालीसा का पाठ करने का सही समय क्या है?
दत्तात्रेय चालीसा का पाठ करने के लिए सही समय सुबह व शाम दोनों समय कर सकते हैं परन्तु शुद्ध मन व भावना से करना चाहिए। कोशिश करे एक निश्चित समय पर करें।
क्या दत्तात्रेय चालीसा का पाठ करने से कोई साइड इफेक्ट हो सकते हैं?
जी नहीं दत्तात्रेय चालीसा का पाठ करने से कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता हैं दत्तात्रेय भगवान का नाम जाप से ही मनुष्य का जीवन के सभी दुःख दूर हो जाते हैं।
क्या दत्तात्रेय चालीसा का पाठ करते समय कोई विशेष माला का उपयोग किया जाता है?
दत्तात्रेय चालीसा का पाठ आप किसी भी माला से कर सकते हैं परन्तु जब रुद्राक्ष की माला से किया जाता हैं तो फल विशेष मिलता हैं।
Disclaimer: दोस्तों दत्तात्रेय चालीसा (Dattatreya Chalisa) पढ़ने से होने वाली सारी जानकारी इंटरनेट सोर्सेज के माध्यम से ली गयी है। जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। धर्मकहानी का उद्देश्य सटीक सूचना आप तक पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता सावधानी पूर्वक पढ़ और समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इस जानकारी का उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। अगर इसमें आपको कोई गलती लगाती है तो कृपया आप हमें हमारे ऑफिसियल ईमेल पर जरूर बताये।