Sankatmochan Hanuman Ashtak :- संत तुलसीदास रचित संकट मोचन हनुमानाष्टक का पाठ हनुमान चालीसा के बाद करने से हनुमानाष्टक (Hanuman Ashtak) का फल दुगुना हो जाता हैं। Incredible Sankatmochan Hanuman Ashtak Lyrics संकट मोचन हनुमानाष्टक ऐसे पढ़ें मिलेगा दुगुना फ़ायदा
जब भी हमें भय लगता हैं या जीवन में कोई संकट आता हैं सबसे पहले हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का पाठ करने का विचार मन में आता हैं लेकिन यदि यदि हनुमान चालीसा के साथ हनुमानाष्टक का पाठ (Hanuman Ashtak ka Path) भी करना चाहिए।
निचे हमने संकट मोचन हनुमानाष्टक हिंदी में दिया हैं पढ़े और अपने जीवन को सार्थक मनाएं।
Sankatmochan Hanuman Ashtak in Hindi
Hanuman Ashtak Lyrics ॥ हनुमानाष्टक ॥
बाल समय रवि भक्षी लियो तब,
तीनहुं लोक भयो अंधियारों ।
ताहि सों त्रास भयो जग को,
यह संकट काहु सों जात न टारो ।
देवन आनि करी बिनती तब,
छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो ।
को नहीं जानत है जग में कपि,
संकटमोचन नाम तिहारो ॥ १ ॥
बालि की त्रास कपीस बसैं गिरि,
जात महाप्रभु पंथ निहारो ।
चौंकि महामुनि साप दियो तब,
चाहिए कौन बिचार बिचारो ।
कैद्विज रूप लिवाय महाप्रभु,
सो तुम दास के सोक निवारो ॥ २ ॥
अंगद के संग लेन गए सिय,
खोज कपीस यह बैन उचारो ।
जीवत ना बचिहौ हम सो जु,
बिना सुधि लाये इहाँ पगु धारो ।
हेरी थके तट सिन्धु सबै तब,
लाए सिया-सुधि प्राण उबारो ॥ ३ ॥
रावण त्रास दई सिय को सब,
राक्षसी सों कही सोक निवारो ।
ताहि समय हनुमान महाप्रभु,
जाए महा रजनीचर मारो ।
चाहत सीय असोक सों आगि सु,
दै प्रभुमुद्रिका सोक निवारो ॥ ४ ॥
बान लग्यो उर लछिमन के तब,
प्राण तजे सुत रावन मारो ।
लै गृह बैद्य सुषेन समेत,
तबै गिरि द्रोण सु बीर उपारो ।
आनि सजीवन हाथ दई तब,
लछिमन के तुम प्रान उबारो ॥ ५ ॥
रावन युद्ध अजान कियो तब,
नाग कि फाँस सबै सिर डारो ।
श्रीरघुनाथ समेत सबै दल,
मोह भयो यह संकट भारो I
आनि खगेस तबै हनुमान जु,
बंधन काटि सुत्रास निवारो ॥ ६ ॥
बंधु समेत जबै अहिरावन,
लै रघुनाथ पताल सिधारो ।
देबिहिं पूजि भलि विधि सों बलि,
देउ सबै मिलि मन्त्र विचारो ।
जाय सहाय भयो तब ही,
अहिरावन सैन्य समेत संहारो ॥ ७ ॥
काज किये बड़ देवन के तुम,
बीर महाप्रभु देखि बिचारो ।
कौन सो संकट मोर गरीब को,
जो तुमसे नहिं जात है टारो ।
बेगि हरो हनुमान महाप्रभु,
जो कछु संकट होय हमारो ॥ ८ ॥
आखरी 4 लाइन जितनी करुणा दे बोली जाती हैं उतना अधिक प्रभाव होता हैं।
॥ दोहा ॥
लाल देह लाली लसे,
अरु धरि लाल लंगूर ।
वज्र देह दानव दलन,
जय जय जय कपि सूर ॥
Sankatmochan Hanuman Ashtak Lyrics संकट मोचन हनुमानाष्टक
हनुमान अष्टक पाठ करने की विधि (Hanuman Ashtak Padhne Ki Vidhi)
हनुमान अष्टक का पाठ (Hanuman Ashtak Path) करना सरल है, लेकिन इसमें श्रद्धा और भक्ति का होना अति आवश्यकहै। हनुमान जी की जब भी पूजा अर्चना की बात आती हैं स्वछता का विशेष ध्यान रखा जाता हैं आइए संकट मोचन हनुमानाष्टक पाठ विधि जाने ताकि जीवन में कभी कोई त्रुटि न हो सके।
संकट मोचन हनुमानाष्टक पाठ करने के नियम (Read Hanuman Ashtak Rules)
- संकट मोचन हनुमानाष्टक पाठ करने नहा धो कर स्वच्छ हो जाए (मुँह हाथ तो धोना ही चाहिए ).
- व्यक्ति को पूर्व दिशा की ओर मुख करके आसन पर बैठ कर सरसो के तेल का दिया हनुमान जी की तस्वीर के आगे लगाए।
- सबसे पहले प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश का आह्वान करते हुए “ॐ गणेशाय नमः” का जाप करें।
- फिर भगवान हनुमान का आह्वान करते हुए “ॐ अंजनेयाय नमः” का जाप करें।
- इसके बाद हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- हनुमान चालीसा के बाद हनुमानाष्टक का पाठ करें, पाठ करते समय आपका ध्यान स्थिर होना चाहिए।
- अब हनुमान जी को गुड़ और चने का भोग लगा कर जो भी मन में इच्छा हो या भय या मनोकामना हो वो बोल कर प्रार्थना करें।
- “ॐ शांति शांति शांति” जैसे मंत्र के साथ समापन करें।
नोट :
- मंगलवार और शनिवार हनुमान अष्टक पाठ के लिए शुभ दिन माने जाते हैं ।
- हनुमान जी पूजा करते समय हनुमानजी के 12 नाम और मंत्र जरूर पढ़ना चाहिए।
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