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Shri Gayatri Chalisa : 4 वेदों की देवी गायत्री चालीसा पढ़ने के फायदे।

Gayatri Chaslisa : गायत्री चालीसा वेदों की देवी माँ गायत्री को समर्पितह है जो धार्मिक और आध्यात्म में उन्नति प्रदान करने वाली देवी है। इसलिए गायत्री चालीसा प्रतिदिन करने के अनेको फायदे है। गायत्री चालीसा की महत्ता और शक्ति का एहसास आप उसे नियमित नियम से करने के बाद ही समझ पाएंगे इसलिए आज हम आपको (Gayatri Chalisa Hindi) गायत्री चालीसा की महिमा और उसके द्वारा उत्पन्न फायदे बताएँगे साथ ही गायत्री चालीसा का हिंदी अनुवाद आपको इस आर्टिकल में मिलेगा।

आप लोग गायत्री मंत्र के बारे में जानते होंगे लेकिन शायद आप ये नहीं जानते की गायत्री चालीसा पूर्णतः गायत्री मंत्र पर ही आधारित है। जिस तरह गायत्री मंत्र का जप करने से व्यक्ति को जीवन में आध्यात्म और धार्मिक उन्नति की और अग्रसर होता है उसी तरह (Gayatri Chalisa in Hindi) गायत्री चालीसा का पाठ प्रतिदिन करने से व्यक्ति के जीवन में भी अनेक फायदे होते है।

गायत्री चालीसा से होने वाले धार्मिक लाभ : Religious benefits of Gayatri Chalisa

जैसा की हम सभी जानते है की माँ गायत्री वेदों की देवी हैं और संसार को समस्त ज्ञान वेदो से ही प्राप्त होता है इसलिए गायत्री चालीसा का पठन ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि करता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार महर्षि विश्वामित्र एक क्षत्रिय कुल में जन्मे राजा थे जिन्होंने अपने गायत्री मंत्र के जप के बल के आधार पर अपने आपको एक महान ऋषि बनाया और संसार को गायत्री मंत्र का प्रताप बताया। गायत्री चालीसा (Read Gayatri Chalisa) का पाठ मनुष्य द्वारा किये गए पापों से मुक्ति दिलवाने वाला है।

ग्रंथों में कथा मिलती है की अजामिल एक महापापी था, लेकिन उसने गायत्री मंत्र के प्रभाव से मोक्ष प्राप्त किया। गायत्री मंत्र का पठन मन को शांति और स्थिरता देता हैं। धर्म ग्रन्थ के अनुसार स्वयं रावण भी गायत्री मंत्र की महत्ता जानता था उसे भी गायत्री मंत्र के प्रताप से मन की शांति मिली थी। तथा मन की शांति ही मनुष्य के लिए आध्यात्म के रास्ते खोलती हैं इसलिए (Gayatri Chalisa) गायत्री चालीसा के द्वारा ही मनुष्य के जीवन में आध्यात्म की उन्नति होती है।

गायत्री चालीसा पढ़ने से मनुष्य को सांसारिक लाभ : Worldly benefits to man by reading Gayatri Chalisa:

गायत्री चालीसा का पाठ करने से मनुष्य के जीवन में सौभाग्य का आगमन होता है। जो मनुष्य रोगों से मुक्ति चाहता है उसे गायत्री चालीसा का पाठ करना चाहिए जिससे उसे लाभ हो सकता है। पौराणिक कथाओ के अनुसार गायत्री चालीसा का पाठन करने से मनुष्य अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर सकता है। महाभारत के अनुसार अर्जुन ने भी गायत्री मंत्र का पाठ भगवान श्री कृष्ण के कहने पर किया और अनेकों शत्रुओं पर विजय प्राप्त की। इसलिए ही गायत्री चालीसा का पाठ करने से मनुष्य की मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

पढ़े गायत्री चालीसा (Read Gayatri Chalisa)

।। दोहा ।।

हीं श्रीं, क्लीं, मेधा, प्रभा, जीवन ज्योति प्रचण्ड ।
शांति, क्रांति, जागृति, प्रगति, रचना शक्ति अखण्ड ।।
जगत जननि, मंगल करनि, गायत्री सुखधाम ।
प्रणवों सावित्री, स्वधा, स्वाहा पूरन काम ।।

॥ चालीसा ॥

भूर्भुवः स्वः ओम युत जननी ।
गायत्री नित कलिमल दहनी ।।

अक्षर चौबिस परम पुनीता ।
इनमें बसें शास्त्र, श्रुति, गीता ।।

हंसारुढ़ सितम्बर धारी ।
स्वर्णकांति शुचि गगन बिहारी ।।

पुस्तक पुष्प कमंडलु माला ।
शुभ्र वर्ण तनु नयन विशाला ।।

ध्यान धरत पुलकित हिय होई ।
सुख उपजत, दुःख दुरमति खोई ।।

कामधेनु तुम सुर तरु छाया ।
निराकार की अदभुत माया ।।

तुम्हरी शरण गहै जो कोई ।
तरै सकल संकट सों सोई ।।

सरस्वती लक्ष्मी तुम काली ।
दिपै तुम्हारी ज्योति निराली ।।

तुम्हरी महिमा पारन पावें ।
जो शारद शत मुख गुण गावें ।।

चार वेद की मातु पुनीता ।
तुम ब्रहमाणी गौरी सीता ।।

महामंत्र जितने जग माहीं ।
कोऊ गायत्री सम नाहीं ।।

सुमिरत हिय में ज्ञान प्रकासै ।
आलस पाप अविघा नासै ।।

सृष्टि बीज जग जननि भवानी ।
काल रात्रि वरदा कल्यानी ।।

ब्रहमा विष्णु रुद्र सुर जेते ।
तुम सों पावें सुरता तेते ।।

तुम भक्तन की भक्त तुम्हारे ।
जननिहिं पुत्र प्राण ते प्यारे ।।

महिमा अपरम्पार तुम्हारी ।
जै जै जै त्रिपदा भय हारी ।।

पूरित सकल ज्ञान विज्ञाना ।
तुम सम अधिक न जग में आना ।।

तुमहिं जानि कछु रहै न शेषा ।
तुमहिं पाय कछु रहै न क्लेषा ।।

जानत तुमहिं, तुमहिं है जाई ।
पारस परसि कुधातु सुहाई ।।

तुम्हरी शक्ति दिपै सब ठाई ।
माता तुम सब ठौर समाई ।।

ग्रह नक्षत्र ब्रहमाण्ड घनेरे ।
सब गतिवान तुम्हारे प्रेरे ।।

सकलसृष्टि की प्राण विधाता ।
पालक पोषक नाशक त्राता ।।

मातेश्वरी दया व्रत धारी ।
तुम सन तरे पतकी भारी ।।

जापर कृपा तुम्हारी होई ।
तापर कृपा करें सब कोई ।।

मंद बुद्घि ते बुधि बल पावें ।
रोगी रोग रहित है जावें ।।

दारिद मिटै कटै सब पीरा ।
नाशै दुःख हरै भव भीरा ।।

गृह कलेश चित चिंता भारी ।
नासै गायत्री भय हारी ।।

संतिति हीन सुसंतति पावें ।
सुख संपत्ति युत मोद मनावें ।।

भूत पिशाच सबै भय खावें ।
यम के दूत निकट नहिं आवें ।।

जो सधवा सुमिरें चित लाई ।
अछत सुहाग सदा सुखदाई ।।

घर वर सुख प्रद लहैं कुमारी ।
विधवा रहें सत्य व्रत धारी ॥

जयति जयति जगदम्ब भवानी ।
तुम सम और दयालु न दानी ।।

जो सदगुरु सों दीक्षा पावें ।
सो साधन को सफल बनावें ।।

सुमिरन करें सुरुचि बड़भागी ।
लहैं मनोरथ गृही विरागी ।।

अष्ट सिद्घि नवनिधि की दाता ।
सब समर्थ गायत्री माता ।।

ऋषि, मुनि, यती, तपस्वी, जोगी ।
आरत, अर्थी, चिंतित, भोगी ।।

जो जो शरण तुम्हारी आवें ।
सो सो मन वांछित फल पावें ।।

बल, बुद्घि, विघा, शील स्वभाऊ ।
धन वैभव यश तेज उछाऊ ।।

सकल बढ़ें उपजे सुख नाना ।
जो यह पाठ करै धरि ध्याना ।।

॥ दोहा ॥

यह चालीसा भक्तियुत, पाठ करे जो कोय ।
तापर कृपा प्रसन्नता, गायत्री की होय ।।

Gayatri Chalisa Video : सुने गायत्री चालीसा

Disclaimer: दोस्तों गायत्री चालीसा (Gayatri Chalisa Hindi Lyrics) पढ़ने से होने वाली सारी जानकारी इंटरनेट सोर्सेज के माध्यम से ली गयी है। जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। धर्मकहानी का उद्देश्य सटीक सूचना आप तक पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता सावधानी पूर्वक पढ़ और समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इस जानकारी का उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। अगर इसमें आपको कोई गलती लगाती है तो कृपया आप हमें हमारे ऑफिसियल ईमेल पर जरूर बताये।

माँ गायत्री से जुडी और भी जानकारी लेने के लिए आप awgp (All World Gayatri Pariwar) की वेबसाइट पर जाकर चेक कर सकते है।

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