
Tirupati Balaji : आज हम आपको भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक तिरुपति बालाजी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं। तिरुपति बालाजी विश्व के सबसे प्रतिष्ठित देवताओं में से एक है। तिरुपति बालाजी मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां पर दुनिया में सबसे अधिक दान दिया जाता है। तिरुपति बालाजी मंदिर भारतीय वास्तु कला और शिल्प कला का बहुत ही उत्कृष्ट उदाहरण है। तिरुपति बालाजी का यह मंदिर भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित है। यह मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित है और यह भारतीय लोगो के मुख्य तीर्थ स्थलों में से एक है।
किस पहाड़ पर है तिरुपति बालाजी का मंदिर। – The temple of Tirupati Balaji is located on which hill?
विश्व प्रसिद्ध “तिरुपति बालाजी” भारत के आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले के तिरुपति में तिरूमाला की पहाड़ी पर विराजमान है। तिरुपति बालाजी मंदिर समुद्र तल से 853 फीट ऊंचाई पर स्थित है और सात चोटियों से घिरा हुआ हुआ है। इसी कारण से तिरुपति बालाजी मंदिर को “सात पहाडिय़ों का मंदिर” भी कहा जाता है।
तिरुपति में विराजित देवता। – Deity Virajit in Tirupati Balaji in Hindi
तिरुपति बालाजी का मंदिर विश्वभर में प्रसिद्ध है। इस मंदिर में भगवान विष्णु स्वामी “वेंकटेश्वर” के रूप में विराजमान है। इसी कारण से मंदिर को स्वामी “वेंकटेश्वर मंदिर” के नाम से भी जाना जाता है। जानकरी के अनुसार भगवान वेंकटेश्वर भगवान को विष्णु जी एक मात्र उस रूप में जाना जाता है जिन्होंने भक्तो को कलियुग के कष्टों से बचाने के लिए अवतार लिया है।
भगवान श्री वेंकटेश्वर अपनी पत्नी श्री पद्मावती के साथ तिरुमला में निवास करते हैं। पौराणिक काल से यह मान्यता है कि यदि भक्त सच्चे मन से भगवान वेंकटेश्वर बालाजी से प्रार्थना करते हैं, तो उनकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं। भक्त श्रद्धा के अनुसार, यहां आकर बालाजी तिरुपति मंदिर में अपने बाल दान करते हैं।
भगवान तिरुपति बालाजी की कहानी – The Tirupati Balaji Story In Hindi
तिरुपति बालाजी में बाल क्यों दान किये जाते है? – Why is hair donated at Tirupati Balaji?
तिरुपति बालाजी में बालों का दान करने की परंपरा बहुत ही प्राचीन समय से प्रचलन में है। हिंदू धर्म के धार्मिक मान्यताओं के कहानी इस प्रकार है कि भगवान वेंकटेश्वर कुबेर से लिए ऋण को चुकाते हैं। इस से जुडी एक बेहद रोचक पौराणिक कथा बहुत ही प्रचलित है, माना जाता है ऊपर बताई गयी कथा के अनुसार देवी लक्ष्मी ने पद्मावती और भगवान विष्णु ने वेंकटेश्वर रूप में जब अवतार लिया, तब भगवान वेंकटेश्वर ने देवी पद्मावती के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा। उस समय की एक परंपरा के अनुसार वर पक्ष को शादी से पहले कन्या पक्ष के परिवार को एक तरह का शुल्क देना होता था, लेकिन भगवान वेंकटेश्वर ये शुल्क देने में असमर्थ जाहिर करते है और धन के देवता कुबेरजी से कर्ज ले लेते है और पद्मावती रूपी देवी लक्ष्मी से विवाह किया और कुबेरजी से लिए गए क़र्ज़ की पूर्ति के लिए उन्होंने एक वचन दिया कि वे कलयुग के अंत तक वे कुबेरजी को सारा कर्ज चुका देंगे।
वेंकटेश्वर ने देवी पद्मावती की ओर से भी वचन देते हुए कहा कि जो भी भक्त उनका कर्ज लौटाने में उनकी मदद करेंगा देवी पद्मावती रूपी लक्ष्मी उन्हें उसका दस गुना ज्यादा धन देंगी। इसीलिए तिरुपति जाने वाले भक्त और विष्णु भगवान पर आस्था रखने वाले भक्त वहां जाकर बालों का दान कर भगवान वेंकटेश्वर का ऋण चुकाने में उनकी मदद करते हैं। भक्तों की कुछ ऐसी मान्यता भी है की बाल दान करने से भगवान उनकी हर मनोकामना पूर्ण करते हैं।
तिरुपति बालाजी मंदिर से जुडी रोचक बातें – Facts About Tirupati Balaji Temple In Hindi
- लोगो और इतिहासकरों का कहना है की तिरुपति बालाजी मंदिर में स्थापित वेंकटेश्वर स्वामी की यह अद्भुत और दिव्य काली मूर्ति किस ने बनायी है, यह नहीं पता नही है बल्कि यह मूर्ति वही से स्वयं प्रकट हुयी मूर्ति है इसीलिए कहाँ जाता है की वेंकटेश्वर स्वामी यहाँ खुद विराजित हुए थे।
- ये तो आप जानते ही होंगे की तिरुपति बालाजी मंदिर हमारे देश के सबसे अमीर मंदिर में से एक है। इस मंदिर की वार्षिक आय लगभग 650 करोड़ रुपये है इतनी आय का एक बड़ा हिस्सा दान किये गये बालों से आता है।
- तिरुपति बालाजी मंदिर में देवताओं की अनुष्ठान और पूजा के लिए एक गांव से फल – फूल, मक्खन, दूध, मक्खन-दूध, पवित्र पत्ते आदि मंगवाए जाते हैं। यह गाँव तिरुपति से लगभग बाईस किलोमीटर दूर स्थित है। इस छोटे से गाँव में आज भी किसी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश पर निषेध है।
- क्या आप जानते है की तिरुपति बालाजी जी की मूर्ति को मंदिर देखने पर लगता है की के केंद्र में विराजित है लेकिन ऐसा नहीं है, मूर्ति को असल में मंदिर के दाहिने हाथ के कोने में रखा गया है।
- बालाजी के मंदिर में मुख्य द्वार पर दरवाजे के दाहिने ओर एक छड़ी है। ऐसा कहा जाता है कि बालपन में इस छड़ी से उनकी माँ ने ही भगवान बालाजी की पिटाई की गई थी, इस वजह से उनकी ठुड्डी पर चोट लग गई थी। इसलिए तब से लेकर अभी तक उनकी ठुड्डी पर हर शुक्रवार को चंदन का लेप लगाया जाता है। जिससे की उनका घाव भर जाए।
- बालाजी के मंदिर के गर्भ गृह में एक दिया कई सौ या हजार साल से ऐसे ही चल रहा है, और आज तक नहीं पता दिया उनके किस भक्त या पुजारी ने जलाया था।
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तिरुपति बालाजी से जुडे रहस्य – Tirupati Balaji Rahasya In Hindi
- इस मंदिर के पुजारी के अनुसार मंदिर में भगवान श्री वेंकटेश्वर स्वामी की मूर्ति पर लगे बाल असली हैं। ये आज तक कभी उलझे नहीं हैं और हमेशा मुलायम और रेशमी रहते हैं।
- तिरुपति बालाजी की मूर्ति से जुडी एक रहस्यमयी और अद्भुत बात यह भी है की भगवान वेंकटेश्वर की पीठ पर हमेशा गीलापन रहता है चाहे आप उसे कितना भी साफ कर ले। और एक दिलचस्प बात यह हैं की वहा कान लगाने पर समुद्र जैसी ध्वनि सुनी जाती है।
- कई लोगो के अनुसार भगवान बालाजी की प्रतिमा पर खास तरह का कपूर लगाया जाता है, जिसे पचाई कपूर कहते हैं। वैज्ञानिकों के मतों के अनुसार यदि यह कपूर किसी भी पत्थर पर लगाया जाता है तो वह पत्थर कुछ समय के बाद ही चटक जाता है। लेकिन भगवान की इस अद्भुत मूर्ति पर कोई असर नहीं होता।
- जैसा की हम सभी जानते है की भगवान श्री बालाजी के हृदय पर तो मां लक्ष्मी ही विराजमान रहती हैं। पुजारियों के अनुसार माता की मौजूदगी का पता तब चलता है, जब प्रत्येक गुरुवार को बालाजी चंदन का लेप लगाया जाता है और जब चंदन लेप हटाया जाता है तो कहा जाता है की हृदय पर लगे चंदन में देवी लक्ष्मी की छवि उभर आती है।
- भगवान बालाजी की प्रतिमा को हर दिन नीचे धोती और ऊपर साड़ी से श्रृंगार किया जाता है। मान्यता के अनुसार बालाजी में ही माता लक्ष्मी का रूप समाहित है। इसीलिए बालाजी का ऐसा रोचक तरीके से श्रृंगार किया जाता है।
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दोस्तों, हमने बालाजी और उनके मंदिर के अनसुलझे रहस्यों को विस्तार से बताया है। अगर आपको ऊपर बताई जानकारी अच्छी लगी तो निचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करे और आगे भी शेयर करे। कृपया ऐसी ही और रोचक जानकरी के लिए हमारे अन्य ब्लोग्स और आर्टिकल जरूर पढ़े।
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