Google search engine
Homeब्लॉगDelhi Kilkari Bhairav Temple:श्री किलकारी भैरोनाथ पांडव कालीन मंदिर

Delhi Kilkari Bhairav Temple:श्री किलकारी भैरोनाथ पांडव कालीन मंदिर

Kilkari Bhairav Temple Delhi :श्री किलकारी भैरोनाथ पांडव कालीन मंदिर का इतिहास शराब की आदत से परेशान लोगो के लिए वरदान किलकारी भैरोनाथ। भैरव मंदिर के दो खण्ड दूधिया खंड तथा किलकारी भैरव खण्ड।

भगवान शिव का उग्र रूप माने जाने वाले बाबा भैरवनाथ के कई मंदिर देश भर में स्थित हैं। भैरवनाथ की सवारी कुत्ता हैं। जिस तरह हर मंदिर के बाहर या कहे हर माता के मंदिर दर्शन के बाद भैरव मंदिर स्थापित होता हैं कियुकी भैरव बाबा माता की रक्षा के लिए हमेशा विद्यमान रहते हैं। मान्यता तो यह भी हैं की यदि माता के दर्शन के बाद बाबा भैरव के दर्शन ना किया जाये तो आपके दर्शन मान्य नहीं होते हैं।

जानवरो में भी जब घर की रक्षा की बात आती हैं तो कुत्ते को ही रखा जाता हैं कियुकी भैरव बाबा का वरदान होने के कारण कुत्ता भी रक्षा करने वाला सबसे वफादार जानवर हैं। पांडव महाभारत का युद्ध जीतने के बाद श्री कृष्ण की आज्ञा पा कर श्री किलकारी भैरोनाथ मंदिर की स्थापना 5000 वर्षों पूर्व की थी। कहा जाता हैं की इस मंदिर से भीम ने कई सिंधिया भी प्राप्त की थी।

Delhi Kilkari Bhairav Temple:श्री किलकारी भैरोनाथ पांडव कालीन मंदिर स्थापना कैसे हुई ?

पांडव पुत्र भीम एक दिन अपने किले की राक्षसों से सुरक्षा के लिए बहुत चिंतित था तभी वहाँ श्री कृष्ण पहुंचे श्री कृष्ण के पूछने पर भीम ने अपनी चिंता का कारण बताया की महाभारत का युद्ध जितने के बाद राक्षसों का आतंक बहुत बढ़ गया हैं ऐसे में किले की रक्षा करना बहुत ही आवश्यक हो गया हैं इसीलिए किले की रक्षा के लिए क्या किया जाये तभी श्री कृष्ण ने सुझाव दिया की तुम किलकारी भैरव मंदिर की स्थापना करों।

Kilkari Bhairav Temple History :श्री किलकारी भैरोनाथ पांडव कालीन मंदिर का इतिहास

इतिहास के अनुसार भीम भैरव बाबा को लेन के लिए काशी गए थे। जब पांडव पुत्र भीम ने भैरव बाबा से आग्रह किया की आप मेरे साथ इंद्रप्रस्थ चले मुझे आपके आशीर्वाद की अत्यधिक आवश्यकता हैं, तब बाबा भैरव ने भीम के सामने एक शर्त रखी की “”मैं तुम्हारे साथ आने के लिए तैयार हूँ परन्तु रास्ते में जहाँ भी तुमने पहले मुझे रख दिया मैं वही स्थापित हो जाउगा “”

भैरव बाबा की यह शर्त सुन भीम ने तुरंत हाँ बोल दिया भीम ने सोचा मैं इतना शक्तिशाली हुँ तो बाबा को इंद्रप्रस्थ ले ही जाउगा और वही स्थापित करुगा। भीम ने बाबा भैरव को अपनी पीठ पर बिठा लिया और जाने लगे वो वहां पहुंचे तब बाबा भैरव ने ऐसी माया रची की वजन बहुत भारी कर लिया और भीम को उन्हें निचे उतर कर रखना ही पड़ा।

भीम ने दोबारा बाबा भैरव से अपनी पीठ पर बैठने का आग्रह किया परन्तु बाबा ने अपनी शर्त याद दिलायी। भीम ने बाबा से आराधना कर अपने की रक्षा का उपाय पूछा तब बाबा भैरव खुद तो उनके साथ नहीं गए परन्तु अपनी जटा काट कर दी और आशीर्वाद दिया की इसी किले में स्थापित कर देना यह किलकारी मार कर सभी संकटो से रक्षा करेगा। भैरव बाबा के कहे अनुसार भीम ने भैरव बाबा की जटा को स्थापित कर दिया।

इसी वजह से यह मंदिर आज भी किलकारी बाबा भैरों नाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है। इसे श्री किलकारी भैरोनाथ पांडव कालीन मंदिर के नाम से भी जाना जाता हैं।

Kilkari Bhairav Temple Facts :श्री किलकारी भैरोनाथ पांडव कालीन मंदिर रोचक तथ्य

श्री किलकारी भैरोनाथ मंदिर (Kilkari Bhairav Temple Facts) के बारे में कई रोचक तथ्य हैं जिसके बारे में भक्तो को जानना आवश्यक हैं। आइये जानते हैं।

Kilkari Bhairav Temple Unknown Facts : श्री किलकारी भैरोनाथ मंदिर के अनसुने रहस्य

  • श्री किलकारी भैरोनाथ मंदिर (Kilkari Bhairav Temple) प्रगति मैदान के पास पुराने किले में स्थापित हैं।
  • श्री किलकारी भैरोनाथ मंदिर (Kilkari Bhairav Temple) के दो खण्ड हैं एक खण्ड को दूधिया खण्ड तथा किलकारी भेरो खण्ड। दूधिया खण्ड में दूध चढ़ाया जाता हैं और किलकारी भैरव खंड में मदिरा चढाई जाती हैं।
  • श्री किलकारी भैरोनाथ मंदिर ही एक मात्र मंदिर हैं जहाँ भैरव बाबा को मदिरा चढाई जाती हैं। मदिरा चढ़ाने पर भक्तों का मकसत होता हैं की अपनी मदिया की बुरी आदत को छोड़ने के लिए आखरी बार बाबा को समर्पित की जाती हैं।
  • श्री किलकारी भैरोनाथ मंदिर (Kilkari Bhairav Temple) एक बहुत ही प्रसिद्धिदा मंदिर हैं। जहाँ दूर दूर से लोग भक्त दर्शन के लिए आते हैं।किलकारी भैरोनाथ मंदिर टूरिस्ट प्लेस हैं।
  • किलकारी भैरोनाथ मंदिर सगमरमर से बना हुआ हैं।
  • किलकारी भैरव मंदिर के दर्शन मात्र से जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं।
  • पौष शुक्ल पक्ष ( हिंदू कैलेंडर का 10वां महीना) के दूसरे दिन भैरव जयंती मनाई जाती है । इस दिन या उसके अगले रविवार को पंखा यात्रा के नाम से एक भव्य जुलूस निकाला जाता है। जिसके लिए भक्त दूर दूर से आते हैं।
  • दूधिया बाबा भैरव नाथ मंदिर (Dudhiya Baba Bherav Mandir) : दूधिया बाबा भैरव नाथ मंदिर किलकारी भैरोनाथ मंदिर से थोड़ी दूरी पर स्थित या कहे किलकारी भैरव का ही खण्ड हैं यहाँ बाबा भैरोनाथ के बाल स्वरूप स्थापित है। दूधिया बाबा भैरव नाथ मंदिर में दूध चढ़ाया जाता है।
  • इस प्रसाद के पीछे पौराणिक कथा यह है कि द्वापर युग में, माता कुंती ने अपने बेटों के सम्मान की रक्षा के लिए प्रार्थना करते हुए बाबा भैरव को अर्पित किया था। यह प्रार्थना बाबा भैरव नाथ ने सुनी और उन्होंने पांडवों को जीत का वरदान प्रदान किया।
  • दूधिया बाबा भैरव नाथ मंदिर केवल वैष्णो (पूरी तरह शाकाहारी) प्रसाद स्वीकार करते है। जहां दूध चढ़ाना सफलता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, वहीं भैरोनाथ को शराब चढ़ाने का अर्थ यह है कि शराब चढ़ाने वाला भक्त अपने जीवन में शराब का सेवन बंद कर देता है।
  • बाबा भैरव को सिद्दियों का भंडार माना जाता हैं इसीलिए तांत्रिक शक्तियों में रूचि रखने वाले लोग बाबा भैरव की विशेष आराधना करते हैं।
  • Kilkari Bhairav Temple Time : श्री किलकारी भैरोनाथ मंदिर परिसर में बाबा भैरव की सवारी कुत्ते रहते हैं जो परिसर में घूमते रहते हैं।
  • किलकारी भैरोनाथ मंदिर में कंक्रीट की बनी गाय हैं, जो पीने वाले पानी के नल के रूप मे है, अत्यधिक दिलचस्प है।
FAQ of Kilkari Bhairav Temple

FAQ of Kilkari Bhairav Temple : श्री किलकारी भैरोनाथ मंदिर से जुड़ें सवाल

Kilkari Bhairav Temple Time : श्री किलकारी भैरोनाथ मंदिर कब खुलता हैं।

श्री किलकारी भैरोनाथ मंदिर सुबह 5:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक और दोपहर 3:00 से रात 9:00 बजे तक खुला रहता है।

Kilkari Bhairav Temple Distance : किलकारी भैरोनाथ मंदिर कैसे पहुँचे ?

दिल्ली मेट्रो स्टेशन से यह 2 किलोमीटर की दूरी पर है। प्रगति मैदान मेट्रो स्टेशन पर पहुँचने के बाद, आप मंदिर परिसर तक पहुँचने के लिए रिक्शा का विकल्प चुन सकते हैं या पैदल भी जा सकते हैं।

Kilkari Bhairav Temple :दिल्ली किलकारी भैरोनाथ मंदिर की वास्तुकला कैसी हैं ?

दिल्ली का किलकारी भैरोनाथ मंदिर की वास्तुकला की बात करें तो मंदिर की सभी मुर्तिया संगमरमर की बनी हुई हैं तथा मंदिर का आतंरिक भाग संपूर्णतः संगमरमर का बना हैं।

दोस्तों, आपको हमने श्री किलकारी भैरोनाथ मंदिर (Kilkari Bhairav Temple) के बारे में जानकारी दी है। इस आर्टिकल को हम आगे भी अपडेट करते रहेंगे। जैसे यहाँ ठहरने के स्थान, कैसे पहुंचे, किस मार्ग से आसान है जैसी जानकारी। इसलिए आप इस ब्लॉग पर फिर से जरूर अपडेटेड जानकारी रीड करने के लिए आये।

Related Links :

12 Jyotirlinga Stuti : 12 ज्योतिर्लिंग स्तुति महत्व और उनके उपलिंग के नाम।

History of Somnath Temple in Hindi 2025 – सोमनाथ मंदिर का इतिहास

Nag Nageshwar Mandir Ujjain – साल में मात्र एक दिन खुलता है मंदिर

Srisailam Mallikarjuna Temple In Hindi 2025

कृपया आप ऐसे ही हमारे आर्टिकल्स को शेयर करते रहिये  https://dharmkahani.com/ से अगर आपको कोई और जानकारी चाहिए तो आप हम कमेंट या contact पेज के जरिये संपर्क कर सकते है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

error: Content is protected !!